Unbelievable Fake Things About Movies:
आपने बहुत सारी मूवीज़ में देखा होगा की मूवी के हीरो की बॉडी किसी प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर से कम नहीं होती है लेकिन रियल लाइफ में वो हीरो का पेट निकला हुआ होता है या फिर वो बहुत ही पतला हो सकता है तो वो आखिर ऐक्टर्स ऐसा क्या करते हैं जिससे मूवीज़ में उनकी बॉडी एकदम ही प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर्स की तरह लगने लगती है मूवीज़ में ऐसी बहुत सारी चीज़े होती है जो बिल्कुल ही फेक होती है लेकिन वो देखने में एकदम ही रियल जैसी लगती है तो मैं आपको मूवीज़ की बो दुनिया दिखाऊंगा जिसे आप आज तक सच समझते आ रहे हैं लेकिन एक्चुअल में वो सब कुछ फेक होता है
चलिए स्टार्ट करते है आपने बहुत सारी ऐसी मूवीज़ देखी होंगी जिसमें ऐक्टर की बॉडी एकदम ही प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर की तरह ही लगती हैं उसकी बॉडी पर ऐप्स से लेकर सारी चीज़े होती है लेकिन ऐक्चुअल में जब इसी ऐक्टर को रियल लाइफ में देखा जाता है तो उसकी बॉडी तो बिल्कुल भी नहीं होती है तो आखिर मूवीज़ में इस बॉडी को कैसे बनाया जाता है आप में से बहुत सारे लोग सोच रहे होंगे कि शायद इस एक्टर की बॉडी पैक्स को वीएफएक्स के द्वारा मूवी में बना दिए जाता होगा लेकिन इन बॉडी को वीएफएक्स के द्वारा नहीं बल्कि हाथों से ये बनाया जाता है इस बॉडीबिल्डर सूट को बनाने के लिए इसके पीछे बहुत सारे लोगों की मेहनत होती है तो इस सूट को बनाने के लिए सबसे पहले एक्टर को एक जगह पर खड़ा कर दिया जाता है और फिर उसके बाद इस सेक्टर के ऊपर ग्रीन सिलिकॉन रबर की एक लेयर चढ़ाई जाती है इस ग्रीन सिलिकॉन रबर के ऊपर से एक और ब्लू सिलिकॉन रबर की एक लेयर को और चढ़ाया जाता है और फिर इसके बाद इसके ऊपर प्लास्टिक की तरह एक टेंपरेरी सीट को चढ़ाया जाता है जिसके बाद ऐक्टर की बॉडी का एक मॉडल बनकर तैयार हो जाता है जिसके बाद इस मॉडल में ऐक्टर की एक नकली बॉडी को बनाकर तैयार कर लिया जाता है इसके बाद इस बॉडी के ऊपर ठीक वैसे ही काम होता है जैसे एक पत्थर से मूर्ति को तराशा जाता है ये बॉडी शूट बनने के बाद इसके ऊपर बहुत सारे डिटेलिंग पर काम किया जाता है जिससे की ये बॉडी शूट देखने में एकदम ही रियल लगे इस बॉडी शूट पर डिटेलिंग पर काम करने के लिए सबसे पहले बॉडीसूट के कलर को ऐक्टर के कलर से हूबहू मैच किया जाता है जिससे की ये बॉडी शूट पहनने के बाद ऐक्टर का कलर और बॉडी सूट का कलर बिल्कुल ही सेम टु सेम लगे इस बॉडीसूट पर इतना ज्यादा डिटेलिंग से काम किया जाता है की बॉडी में दिखने वाली नसें भी इस बॉडीसूट पर बिलकुल ही रियल जैसी दिखाई देती है और फिर फाइनली बारी आती है इस बॉडीसूट के ऊपर बालों को लगाने की.
इन बॉडीसूट्स के ऊपर कोई मशीनों के द्वारा बालों को नहीं लगाया जाता है बल्कि हाथों तो से ही सूट पर बालों को लगाया जाता है और इन बालों पर भी बहुत ही बारीकी से ध्यान दिया जाता है क्योंकि एक ह्यूमन बॉडी पर कहीं कहीं बाल छोटे होते हैं और कहीं कहीं बालों की लंबाई ज्यादा होती है और कुछ कुछ जगहों पर तो बाल होते ही नहीं है तो इन सारी बातों को ध्यान में रखकर इस बॉडीसूट को बनाकर तैयार किया जाता है जिसके बाद ये बॉडीसूट बनकर बिल्कुल ही तैयार हो जाता है अब मूवीज़ में जिस भी एक्टर को इस बॉडीसूट को पहनाया जाता है उसकी बॉडी देखने में एकदम ही रियल लगती है अब आपने मूवीज़ में ऐसे बहुत सारे सीन देखे होंगे जहाँ पर अगर किसी इंसान को गोली मारी जाती है तो उसके पीछे से ब्लड निकलता है ये सीन देखने में तो एकदम ही रियल लगता है लेकिन एक्चुअल में ये ब्लड फेक होता है इस ब्लड को मूवीज़ में यूज़ करने के लिए अलग से तैयार किया जाता है जिसे मूवीज़ में आर्टिफिशियल ब्लड के नाम से जाना जाता है इस ब्लड को बनाने के लिए सबसे पहले एक बाल्टी में कॉर्न सिरप को भर लिया जाता है जो कि देखने में एकदम ही पानी की तरह ट्रांसपेरेंट लगता है और फिर उसके बाद इस लिक्विड के अंदर कुछ स्पेशल पाउडर को डाल दिया जाता है जिसके बाद इसे अच्छे से मिक्स किया जाता है और फिर इसका कलर व्हाइट हो जाता है और फिर उसके बाद फाइनली इस लिक्विड के अंदर फूड कलरिंग के रेड कलर को डाला जाता है जिसके बाद इस लिक्विड का कलर बहुत ही डार्क रेड कलर का हो जाता है जो कि देखने में तो ये बिल्कुल ही ब्लड की तरह ही लग रहा है लेकिन इसे और भी ज्यादा रीयलिस्टिक बनाने के लिए इसके अंदर थोड़ा सा ब्लू कलर भी डालकर मिक्स कर दिया जाता है जिसके बाद ये लिक्विड बिल्कुल ही ब्लड के कलर का बन के तैयार हो जाता है और ये लिक्विड देखने में एकदम ही रियल ब्लड की तरह दिखाई देता है इस ब्लड को मूवीज़ में प्रेशर के द्वारा कुछ इस तरह से यूज़ किया जाता है जब मूवीज़ में इस ब्लड को यूज़ किया जाता है तो कुछ कुछ जगहों पर इस ब्लड को बहुत ही ज्यादा गाढ़ा दिखाना होता है जिससे की ये ब्लड और भी ज्यादा रियल लगे तो ऐसे और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए इसके अंदर बनाना को डाल दिया जाता है जिसके बाद ये ब्लड और भी ज्यादा गाढ़ा हो जाता है और जब ये किसी दीवार से जा कर लगता है तो ये देखने पर ऐसा लगता है मानो की दीवार पर मांस के टुकड़े चिपके हो जिसकी वजह से ये ब्लड और भी ज्यादा रियल लगने लगता है और आपने कुछ मूवीज़ में देखा होगा ये कुछ ऐक्टर्स मूवी के अंदर इस ब्लड को पीते भी हैं तो इस मूवी में पीने वाले ब्लड को खाने पीने की चीजों से ही बनाया जाता है जिससे की इसे पिया भी जा सके और ये देखने में बिल्कुल ही रियल ब्लड की तरह ही लगे.
तो इस ब्लड को बनाने के लिए टोमैटो सॉस और इसके अलावा कुछ और इन्ग्रीडियेंट्स का भी यूज़ किया जाता है जिसके बाद ये देखने में तो बिलकुल ही एकदम ब्लड की तरह दिखाई देता है लेकिन एक्चुअल में ये एक पीने की ही ड्रिंक होती है अब इसके अलावा मूवीज़ में फेक इन्जेक्शन का भी यूज़ किया जाता है जो की मूवी में देखने पर तो ये इन्जेक्शन बिल्कुल ही रियल दिखाई देते हैं और इन्हें देखते हुए लगता है की कोई अपने बॉडी में इन्जेक्शन को लगा रहा है लेकिन ऐक्चुअल में ये इन्जेक्शन फेक होते हैं इंजेक्शन के आगे लगी हुई निडल कुछ इस तरह की होती है की जैसे ही ये निडल बॉडी से टच होती है वैसे ही ये इन्जेक्शन के अंदर चली जाती है और फिर जैसे जैसे ऐसे इन्जेक्शन को बॉडी के अंदर इंजेक्ट किया जाता है तो इसके अंदर भरा हुआ लिक्विड भी खाली होने लगता है अब आप में से बहुत सारे लोग सोच रहे होंगे की जब ये इन्जेक्शन लगता नहीं है तो इसके अंदर का लिक्विड कहा जाता है इस इन्जेक्शन के बीचो बीच में एक और पाइप को लगाया जाता है जिसमें ये इंजेक्शन इंजेक्ट करने पर ये लिक्विड उसी पाइप के अंदर चला जाता है और फिर जब आप इस इंजेक्शन को वापस खींचेंगे तो वापस से ये लिक्विड इसी इन्जेक्शन में भरने लगेगा.
इसी तरह से मूवीज़ में फेक ग्लास बॉटल्स को बनाया जाता है मूवीज़ में ऐसे बहुत सारे सीन होते हैं जहाँ पर हीरो विलन के सर पर कांच की बॉटल मार देता है और उस बॉटल के टुकड़े टुकड़े हो जाते हैं एक्चुअल में ये बॉटल फेक होती है अगर इस बॉटल की जगह पर रियल बॉटल को यूज़ किया जाये तो शायद इस बॉटल को किसी के सर में मारने पर बॉटल फूटे या ना फूटे जिसकी सर मैं भी ये बॉटल लगेगी उसका सर जरूर फूट जाएगा तो इन बॉटल्स को बनाने के लिए सबसे पहले एक मोल्ड को तैयार कर लिया जाता है और फिर इस मोल्ड के अंदर थर्ड प्लास्टिक लिक्विड को डाला जाता है और फिर कुछ समय तक बॉटल जमने के बाद जब इस बॉटल को बाहर निकाला जाता है तो ये बॉटल बिलकुल ही एक रियल बॉटल की तरह दिखाई देती है लेकिन जब आप इस बॉटल को किसी भी चीज़ में मारेंगे तो इस बॉटल के छोटे छोटे टुकड़े हो जाएंगे इस बॉटल के हार्ड प्लास्टिक से बने होने की वजह से इसके बहुत सारे टुकड़े हो जाते हैं
इसी तरह ग्लास को मूवीज़ में विंडो ग्लास में यूज़ किया जाता है और बहुत सी जगह मूवीज़ में टेम्पर्ड ग्लास का भी यूज़ किया जाता है जहाँ पर जैसे की एक्टर बहुत सारे कांच को तोड़ती हुई जा रही है तो इन जगहों पर टेम्पर्ड ग्लास का यूज़ किया जाता है अब इसी तरह से मूवीज़ में यूज़ होने वाले इन कॉन्क्रीट के ब्लॉक्स को बनाया जाता है तो एक ब्लॉक को बनाने के लिए सबसे पहले एक मोल्ड तैयार किया जाता है तो मोल्ड तैयार होने के बाद इसके अंदर इस लिक्विड को डाल दिया जाता है ये लिक्विड एक ऐसा लिक्विड होता है जो की कुछ देर तक जमने के बाद ये बिलकुल ही रबड़ की तरह लगता है लेकिन जब इसे कुछ देर तक और रख दिया जाता है तो ये लिक्विड बहुत ही ज्यादा हार्ड हो जाता है जिसके बाद इस मोल्ड के अंदर से निकलने वाला ब्लॉक बिल्कुल ही रियल ब्लॉक की तरह दिखाई देता है लेकिन जब इस ब्लॉक को किसी के भी सर मैं मारा जाता है तो ये ब्लॉक बिना कोई चोट पहुंचाए बड़े ही आराम से टूट जाता है और इसे आप अपनी मुट्ठी में भी बंद कर बड़े ही आराम से तोड़ सकते हैं
ऐसे ही मूवीज़ में ऐसे बहुत सारे सीन होते हैं जहाँ पर कुछ लोग कीड़े मकोड़ों को खा रहे होते हैं तो ऐसे सभी चीजों को खाने पीने की चीजों से ही बनाकर तैयार किया जाता है ये मूवीज़ में देखने पर तो बिलकुल ही रियल लगता है लेकिन एक्चुअल में ये खाने की चीजें ही होती है जैसे मूवीज़ में एक कॉकरोच को बनाने के लिए खजूर का यूज़ किया जाता है और इस खजूर से ही एकदम ही रियल कॉकरोच को बना दिया जाता है अब आप रियल लाइफ में खजूर को तो खा ही सकते हैं तो मूवीज़ में भी एक्टर इंसेक्ट को खाता है तो वो कोई रियल इंसेक्ट को नहीं खाता है बल्कि वो खाने की चीजों से ही बनाए हुए इंसेक्ट को खा जाता है मूवीज़ में जब बहुत सारे लोग ड्रग्स का यूज़ करते हैं तो इस फेक ड्रग्स को बनाने के लिए अनेसिटोल का यूज़ किया जाता है जो की एक तरह की शुगर होती है जिसे कोई भी व्यक्ति कभी भी खा सकता है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं तो मूवीज़ में यूज़ होने वाले ड्रग्स को इसी के द्वारा बनाया जाता है जब इस पाउडर को ड्रग्स की तरह यूज़ किया जाता है तो इसका बॉडी के ऊपर कोई इम्पैक्ट नहीं होता है और ना ही इससे नाक में या मुँह में कोई प्रॉब्लम होती है
अब इसके अलावा आपने बहुत सारी ऐसी मूवीज़ देखी होंगी जिसमें लोगों की स्किन बहुत ही अलग तरह की होती है मुँह पर ब्लड लगा होता है और पूरी स्किन अलग तरह से ही दिखाई दे रही होती है तो इस तरह की स्किन को बनाने के लिए मेकअप आर्टिस्ट का यूज़ किया जाता है इन मेकअप आर्टिस्ट को इतनी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है की ये किसी भी इंसान के फेस को एक ज़ोंबी के फेस में बदल सकते हैं
क्या आप पहले मूवीज़ की इन चीज़ो के बारे में जानते थे कि उन्हें फेक यूज़ किया जाता है |
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Amit Sharma
Writer