This is a true incident, this is the story of a disabled man who wanted to provide all the facilities to his family

एक गांव था उस गांव का नाम रामपूरा था उसी गांव में एक बिकलांग आदमी रहता था जिसका नाम दयाराम था ।
दयाराम हमेशा से मेहनती आदमी था । दयाराम को उसके परिवार का लोग उसे पसंद नहीं करता था । दयाराम कुछ भी करता उसे सब गलत ही कहता यहां तक की दयाराम के परिवार के साथ उसके गांव वाले भी उसे गलत कहता । लेकिन दयाराम  सब सुन के अन सुना कर देते।