The big clash by Ruling party, The words INDIA VS BHARAT
हमारा देश इसी सप्ताह 20 देशों के आशियान शिखर सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है , क्योंकि हमारे देश को इस शिखर सम्मेलन करने की मेजबानी मिली हुई है और साथ ही वो इस मीटिंग का अध्यक्ष होने के नाते अध्यक्षता करेगा।
मोदीजी की सरकार ने इस शिखर सम्मेलन से सम्बंधित एक विवाद को जन्म दे दिया है सरकार ने, राष्ट्रपति महोदय की तरफ से डिप्लोमेटिक डिनर आयोजन पर इंडिया की जगह भारत शब्द का प्रयोग किया गया है।
INDIA BHARAT G-20 CENTRAL GOVT
देश में इसी सप्ताह 20 आशियान शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाला है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही है। राजधानी दिल्ली के सभी होटलों की बुकिंग हो गई है मेहमानों को ठहराने के लिए हर संभव प्रयास इस आयोजन को सफल बनाने के लिए किये जा रहे हैं।
इस समय देश की राजनीति में बहुत ही बवाल मचा दिया है एक शब्द के कारण जो इंडिया की जगह भारत शब्द प्रयोग किया गया है।
बीजेपी नेता संबंधित पात्रा ने एक निमंत्रण पत्र की फोटो साझा करी गई है उसी दिन मंगलवार को पी एम मोदी जी और उनकी सरकार ने देश के राष्ट्रपति की तरफ से डिप्लोमेटिक डिनर पत्र पर इंडिया की जगह भारत शब्द के प्रयोग से निमंत्रण पत्र 20 देशों के अध्यक्षों को डिनर पर आमंत्रित किया गया है। मूलतः यही विवाद का कारण बन चुका है।
विपक्षी दलों द्वारा संयुक्त गठबंधन को इंडिया नाम दिया जा चुका है जो उसकी बंगलौर बैठक में प्रस्ताव पारित करके इंडिया नाम दिया गया था इससे तात्पर्य हम पूरे भारत को एक करेंगे , इंडिया मतलब भारत देश से है।
विपक्षी दलों का कहना है प्रधानमंत्री मोदी जी की आदत है हर चीज पर विवाद पैदा कर देना ताकि वो लाइमलाइट में बने रहें और टीवी वालों को डिवेट का एक नया मुद्दा मिल जाए ,और देश में राजनीति गरमा जायें ,इसका कारण अब लोकसभा चुनाव में 8 या 9 महीने बचे हुए हैं।
बीजेपी सरकार का कहना है भारत शब्द हिन्दी और संस्कृत का रुप है जो इसको हमारी मूल संस्कृति से जोड़कर देखा जाना चाहिए। इंडिया मतलब विदेशी जो इंग्लैंड सरकार ने यह नाम दिया है। अब समय आ गया है इस ् विदेशी नाम से देश को छुटकारा दिलाया जाना चाहिए । जो अब समय की मांग हो गया है।
केन्द्र सरकार एक विशेष सत्र इसी महीने के 18 सितम्बर को 4 दिनों का बुलाने जा रही है जिसमें शायद संविधान में छेड़छाड़ करने का काम किया जा सकता है और इंडिया से देश का नाम भारत कर दिया जायेगा।
सवाल यह उठता है यदि कोई भी सरकार के पास पूर्ण बहुमत हासिल है तो वो ग़लत परंपराओं को प्रयोग करके कुछ भी कर सकेगी। जो लोकतंत्र की आस्था के लिए उचित नहीं है
हमारे देश के गजट में जब संविधान बनाया गया था, तब देश का नाम इंडिया शब्द से इंगित किया गया था जिसको लेकर कोई भी संशय नहीं है और किसी भी सरकार ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया है जो संविधान की मूल भावना को प्रेरित करती है।
बीजेपी सरकार ने कहा है भारत मतलब राज्यों से मिलकर बना हुआ एक समूह जो भारतीय संस्कृति को बारीकी से लक्षित करता है जो हर भारतीय को भारत देश का निवासी के नाम से जाना चाहिए।
इसी तरह से तुर्की के राष्ट्रपति तैयब ओरदोगान ने अपने देश तुर्की का नाम बदलकर तुर्कीए कर दिया है
एक और उदाहरण वर्मा देश का नाम मयमांर कर दिया गया था, और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उस देश को हमेशा वर्मा पहले उसके बाद मयमांर के नाम से सम्बोधित करते रहते थे।
हमारे देश में भी मुस्लिम कल्चर के नाम बदलें जाते रहे है जिसका उदाहरण जो इलाहाबाद मुस्लिम कल्चर को बताया है उसका नाम प्रयागराज हो गया है, ऐसे बहुत से नाम बदलने के उदाहरण हमारे देश में मौजूद हैं
लेकिन यह मुद्दा देश के संविधान से जुड़ा हुआ है , देश में बहस छिड़ गई है चुनाव नजदीक आने पर बीजेपी इस प्रकार से नये नये मुद्दे उत्पन्न कर रही है जो यह एक हिंदू राष्ट्र के ( भारत देश ) नाम से जाना जाय।
बहरहाल अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर कया परिणाम निकलता है और देश मे राजनीति की हवा किस तरफ बहती है। क्या इसके रिजल्ट निकाले जायेंगे ?
फिलहाल एक नयी बहस शुरू हो गई है सत्ता पक्ष और विपक्ष में कोई भी कुछ नहीं कह सकता है क्या देश की राजनीति की दिशा होयेगी।