Simple and Safe Naturopathy treatment at Home for Women
महिलाओं के लिए घर में ही सरल एवं सुरक्षित प्राकृतिक चिकित्सा
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महिलाओं के लिए घर में ही सरल एवं सुरक्षित प्राकृतिक चिकित्सा
प्राकृतिक चिकित्सा: महिलाओं के लिए घर में ही सरल एवं सुरक्षित चिकित्सा
महिलाएँ किसी भी घर की नींव हैं । घर की सारी सुव्यवस्था का उत्तरदायित्व महिलाएँ ही पूरा करती हैं । पर सभी की आवश्यकताओं की पूर्ति करते- करते वे स्वयं को भूल जाती हैं । परिणामस्वरूप कम आयु में ही वे स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने लगती हैं । इनमें खून की कमी सबसे आम है जो अन्य समस्याओं का कारण बनती है जैसे कमर दर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, चक्कर आना आदि । कुछ समयाभाव और कुछ लापरवाही के चलते वे कहीं परामर्श के लिए भी नहीं जा पातीं । ऐसे में प्राकृतिक चिकित्सा हर समस्या के समाधान के रूप में उपस्थित है ।
प्राकृतिक चिकित्सा बहुत तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है । यह न केवल प्रभावशाली है बल्कि इसका कोई विपरीत प्रभाव अर्थात् साइड एफेक्ट्स भी नहीं होते । इस चिकित्सा पध्दति में रोगों का उपचार प्राकृतिक तत्त्वों के वैज्ञानिक सिध्दांतों के आधार पर किया जाता है । प्राकृतिक चिकित्सा मानती है कि हमारा शरीर उन्हीं पंचमहाभूतों अर्थात् पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश से बना है जिनसे इस सृष्टि का निर्माण हुआ है । सभी रोगों का कारण इन्हीं पंचमहाभूतों का असंतुलन होता है
प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार आज की बदलती जीवनशैली एवं रसायनयुक्त खानपान शरीर में ऐसे तत्त्वों को प्रवेश देता है जिससे शरीर में विष जमा होने लगते हैं । ये विष या विजातीय तत्त्व रोगों का कारण हैं । यदि इन विजातीय तत्त्वों को शरीर से निकाल दिया जाए तो रोग अपने आप ही ठीक हो सकते हैं । प्राकृतिक चिकित्सा के विभिन्न उपचार जैसे मिट्टी चिकित्सा, जल चिकित्सा, चुम्बक चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा आदि पंचतत्त्वों में संतुलन स्थापित करते हैं और विजातीय तत्त्वों को निकालते हैं ।
महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएँ तो प्राकृतिक चिकित्सा से घर पर रहते ही ठीक की जा सकती हैं । प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ उपाय एवं उपचार निम्नलिखित हैं:
1. खून की कमी: खून की कमी (एनीमिया) को प्राकृतिक आहार से दूर किया जा सकता है । रोज भोजन के बाद यदि गुड़ का एक टुकड़ा खाया जाए तो लौह तत्त्व की कमी को दूर किया जा सकता है । शाम को हल्के नाश्ते के रूप में गुड़-चना खाना भी लाभकारी है । महिलाएँ यदि लोहे के बर्तन में भोजन और सब्ज़ियाँ बनाएँ तो पूरे परिवार के लिए लाभदायक है ।
2. थकान: थकान का मुख्य कारण भी खून की कमी ही है । इसके लिए भोजन पर ध्यान देने के साथ सुबह टहलना चाहिए जिससे शरीर को अधिक ऑक्सीजन और ओज़ोन मिल सके । वायु स्नान से भी कोशिकाओं का स्वास्थ्य संवर्धन किया जा सकता है ।
3. कमर दर्द: लगातार काम से पॉस्चर बिगड़ता है और माँसपेशियोँ में झटके आते हैं । यदि पानी कम पिया जाए तो यह समस्या और भी बढ़ जाती है । यदि कमर में दर्द हो तो उसको दूर करने का सबसे अच्छा और सुरक्षित उपाय है कमर की सिकाई । इसके लिए गर्म पानी की थैली या गर्म पानी में भिगो कर निचोड़ा हुआ नैप्किन का उपयोग किया जा सकता है । माहवारी से सम्बंधित कमर और पेढ़ू दर्द में भी यही प्रयोग किया जा सकता है ।
4. पैरों में दर्द: इसके लिए गर्म पानी में पैर डालना सरल और प्रभावी उपाय है । यदि पैर में सूजन हो तो पानी में थोड़ा नमक मिला लेना चाहिए । गर्म पैर नहान से यदि बी.पी. बढ़ा हुआ तो वह भी कम होता है और नींद भी अच्छी आती है । यदि पैर के जोड़ों में दर्द हो तो भी गर्म पैर नहान लाभदायक है । इसे करने से पहले पानी जरूर पीना चाहिए ।
इसके अलावा अपनी दिनचर्या को नियमित रखना अत्यंत आवश्यक है । इससे स्वास्थ्य लाभ अवश्य होगा ।
अनेक लोगों को लगता है कि प्राकृतिक चिकित्सा धीरे काम करती है पर ऐसा नहीं है । प्राकृतिक चिकित्सा के अनेक उपचार तुरंत असर दिखाते हैं । इस बात को इस प्रकार सोचना भी जरूरी है कि पूरा जीवन दवाएँ खाने और उनके दुष्परिणाम सहन करने से अच्छा है कि ऐसे प्राकृतिक उपचारों का प्रयोग किया जाए जो सरल और सहज हैं और जिन्हें सीख कर स्वयं की चिकित्सा घर पर ही की जा सकती है । इसीलिए महिलाओं को ना सिर्फ स्वयं प्राकृतिक चिकित्सा अपनानी चाहिए बल्कि अपने परिवार को भी प्रकृति की शरण में आने के लिए प्रेरित करना चाहिए । महिला घर की गुरू भी है अर्थात् वही सबको स्वस्थ रहना सिखा सकती है । यदि महिला स्वस्थ रहेगी तभी सम्पूर्ण परिवार स्वस्थ होगा ।
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Writer : Dr. Jyoti Keswani
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