*एक जरुरी बात 22 जनवरी को आंगन में 5 दीपक जरूर जलाएं । और मुख्य द्वार पर 21 दीपक जरूर जलाएं
पांच दीपक इस लिए पांच सौ साल पहले भारत में बाबर नामक एक व्यक्ति आया था जिन्होंने लोगों को जबरदस्ती अपना धर्म बदल कर मंदिर को तोरने के लिए मजबूर किया था 21 दीपक जलाकर भगवान श्री राम जी का स्वागत करें।
*इस प्राण प्रतिष्ठा बहुत महत्वपूर्ण इस लिए हैं। हमारे भगवान श्री राम जी जो द्वापर युग में राजा दशरथ के यहां प्रथम पुत्र के रुप में पैदा हुआ था । भगवान श्री राम अयोध्या नगरी श्री राम जी की भूमि हैं।
* श्री राम जी चार भाई थे। आपको बता दें कि भगवान राम जी के पिता का नाम राजा दशरथ था और उसके पिता का नाम भागीरथ था राजा भगीरथ वो थे जिन्होंने अपनी साधना और प्रार्थना से गंगा जी को धरती पर लाया गया आज गंगा जी जो वह रही है। राजा भगीरथ का देन हैं।
*भगीरथ इक्ष्वाकुवंशीय सम्राट दिलीप के पुत्र थे। जिन्होंने घोर तपस्या से गंगा को पृथ्वी पर अवतरित कर कपिल मुनि के शाप से भस्म हुए 60 हजार सागरपुत्रों के उद्धारार्थ पिढ़ियो से चलें प्रयत्नो को सफल किया था ।गंगा को धरती पर लाने का श्रेय भगीरथ को है। इस लिए उसे भागीरथी भी कहा गया है।
*राम भगवान के तीन माता राम भगवान की माता कोशल्या
जो राजा दशरथ की पहली पत्नी थी। जिनको केवल एक पुत्र श्रीराम था।राजा दशरथ की दुसरी पत्नी सुमित्रा जिनका दो पुत्र था लक्ष्मण शत्रुघन और राजा दशरथ के तीसरी पत्नी केकीई जिनका पुत्र भरत था।
*श्री राम जी जब द्वापरयुग में जब जन्म लिया था।तब निश्चित कार्य को पूरा करने के लिए जन्म लिया था और उसके द्वारा बहुत महत्वपूर्ण कार्य हुआ भी जिसमें अहिल्या मानव जीवन में स्त्री वापस आई ।
*अब आप लोग कहेंगे कि अहिल्या कोन थी। अहिल्या बह्माजी की पुत्री थी और वह इतनी सुन्दर थीं की सभी देवता उनसे विवाह करना चाहते थे। इस लिए बह्माजी ने उसके विवाह के लिए प्रतियोगिता रखा वो प्रतियोगिता में थीं। जो सबसे पहले त्रिलोक भ्रमण करके आएगा ।
वहीं अहिल्या का वरन करेगा। तब इंद्र ने अपनी सारी शक्ति द्वारा सबसे पहले त्रिलोक भ्रमण करके आ गए। लेकिन तभी नारद ने बह्माजी को बताया। ऋषि गौतम ने इंद्र से पहले त्रिलोक भ्रमण किया। नारदजी ने बह्माजी को बताया। अपना देनिक पूजा कर्म में गाय माता के परिकमा करते समय बछरे को जन्म दिया। वेदा अनुसार इस अवस्था में गाय की परिक्रमा त्रिलोक परिक्रमा समान होता है। और माता अहिल्या का विवाह ऋषि गौतम से करा दिया।
*इंद्र की गलती की वजह से ऋषि गौतम ने माता अहिल्या शाप दिया। जिस शाप से माता अहिल्या पत्थर की मूर्ति बन गई ऋषि गौतम ने बताया था जब द्वापरयुग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम आएगा उसके चरण स्पर्श से माता अहिल्या अपने शाप से मुक्त होगी।
*भगवान श्री राम ने जन्म लिया था सबरी के यहां जाने का
माता सबरी सब रो भगवान श्री राम की प्रातिक्षा करती थीं 12 वर्ष से सब भगवान राम की पूजा कर उसके लिए आसन लगाकर रास्ता देखती थी भगवान श्री राम आएंगे।
द्वापरयुग में विष्णु के तीन अवतार (राम वामन और परशुराम )हुए थें। दशरथ पुत्र भगवान श्री राम सूर्यवंशी है। जिसकी स्थापना सूर्य पुत्र इक्ष्वाकु ने किया था।
आप लोगों को बताया चाहते हैं कि अयोध्या में नहीं
आस पास कितने सारे आस पास के गांवो में हिंदुस्तान में ही नहीं विदेशों में भी श्री राम भगवान के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बहुत उत्साहित हैं। अयोध्या में विदेश लोग आरहे हैं।
अयोध्या में लोगों को रहने के लिए छोटी छोटी झोपड़ियां बहुत सारी बनाई गई है। अभी लाखों के भीर में लोगों इक्ट्ठा हुए हैं भगवान श्री राम जी के प्राण प्रतिष्ठा के लिए।
22 जनवरी को ही भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा क्यों रखी क्यों कि 22 शाम 6 से शुक्ल पक्ष शुरु होगा। जिसमें जन्म लिया हुआ बच्चा भी बहुत प्रतापी सावित होगा।इसी पक्ष में भगवान श्री राम का जन्म भी हुआ था इसलिए 22 जनवरी को ही भगवान श्री राम जी का प्राण प्रतिष्ठा रखा गया है।
अभी अयोध्या में श्रीराम जी स्वागत में हिन्दू के साथ -साथ मुस्लिम भी एक साथ भगवान श्री राम जी के स्वागत में दीपक लगा रहे हैं। और जय श्री राम नाम का नारा लगा रहे हैं।
Writer Priti kumari