Lender Vikram Sends First Picture Of Moon, After Separating From 🌌 Crafts
LI कैमरा ने हरखेबी जे Creater की तस्वीरें इसरो कमांड सेंटर में भेजी, जिनका Diameter लगभग 43 किमी है चन्द्र यान से अलग होने के बाद लैंडर विक्रम ने ताजा नवीनतम तस्वीरें साझा करी जो यह दर्शाता है लैंडर चंद्रमा के कितने नजदीक पहुंच गया है।
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो इमेजर ने L1 कैमरे से लैंडर की भेजी हुई तस्वीरें एक्स (ट्विटर ) में साझा की है तस्वीरों का असेंबल मून की विभिन्न कलाओं को दिखाता है जिसमें से एक जियो डारनो ब्नूर केंटर है जो चंद्रमा के छोटे बड़े क्रेटरों में से एक मून की कलाओं को दिखाता है।
एल आई -1 कैमरा ने हरखेबी जे क्रेटर को दिखाता है जब विक्रम लैंडर चंद्र यान से अलग हुआ था इस क्रेटर का व्यास लगभग 43 किमी का है जो लैंडर के अंतरिक्ष यान से अलग होने को दर्शाता है जो एक बहुत ही खतरनाक मिशन माना जा रहा था।
इसरो ने स्पेश यान ओर लैंडर को अलग होने पर एक आम भाषा में लैंडर की तरफ से शानदार विदाई देने को साझा किया सोशल मीडिया पर जो देश के लिए एक उपलब्धि है। माड्यूल की चाल धीमी करके उसको निचली कक्षा में उतरने के लिए सेट किया गया है , जो लैंडर को और मून के करीब लायेगा
आज की प्रक्रिया में माड्यूल लैंडर को चंद्रमा की निकटतम दूरी 30 किमी और अधिकत्म दूरी लगभग 100 किमी के दायरे में चक्कर लगायेगा लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर साफट लैंडिग का प्रयास करेगा जबकि प्रणोदय माड्यूल मून के चारों तरफ चक्कर लगायेगा और पृथ्वी के वायुमंडल का भी अध्ययन करेगा। जो यह हमें तरह रहने वाली पृथ्वी पर जीवन जैसे है उसी तरह चंद्रमा पर रहने लायक जीवन की तलाश करने का काम करेगा। लैंडर के नीचे जमीन छूने और मून की धूल जमने के बाद प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से नीचे लुढ़क जायेगा और फिर रोवर लैंडर की तस्वीरें लेगा और इसके विपरीत मून पर उतरने के बाद ,रोवर चंद्रमा की सतह और उसकी भूमि सतह और वायुमंडल के भूविज्ञान का डेटा इकट्ठा करेगा जिसके कारण वहां की वायुमंडल और रहने योग्य तथा कौन कौन से खनिज पदार्थ चंद्रमा पर है उन सभी की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
भविष्य में क्या वहां पर मनुष्य को बसाने की क्या सम्भावना बनी सकेगी इस बात को वहां पर जो भी डाटा मिलेगा उसी के विश्लेषण से आगे भविष्य की योजनाओं की पुनरावृत्ति हो पायेगी।
अखिलेश द्विवेदी