कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं। इसके बाद उन्हें मोर पंख, बांसुरी, मुकुट, चंदन, वयजन्ति माला, तुलसी आदि से सजाएं। साथ ही लड्डू गोपाल को फल, फूल, माखन, मिश्री का भोग , मिठाई, मेवे आदि अर्पित करें। भगवान श्री के समक्ष दीप-धूप जलाए।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का महत्व
मान्यता है कि पृथ्वी लोक पर कंस के बढ़ रहे अत्याचारों को खत्म करने और धर्म की स्थापना के लिए जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में अपना आठवां अवतार लिया था। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखने और पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही संतान प्राप्ति के लिए कृष्ण जन्माष्टमी व्रत करना बहुत अच्छा माना जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखते हुए ये मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप करने से आपकी हर मनोकामनाएं पूरी होगी। कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा प्रारंभ कर मन ही मन ये मंत्र जाप करे।
मंत्र है, " ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" का जाप करे और साथ ही भगवान का संकीर्तन करे।
ऐसी ही मान्यता है कि जो भक्त जन्माष्टमी की रात को भगवान कृष्ण की आराधना करते हुए मंत्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" का जप करता है उन पर बांके बिहारी प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं और व्यक्ति को भगवान की कृपा की प्राप्ति होती है। जो लोग कई जन्मों से प्रेत योनि में भटक रहे हो इस तिथि में उनके लिए पूजा करने से उन्हें मुक्ति मिल जाती है।
हिंदू धर्म में हर साल जन्माष्टमी को त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व बुधवार, 6 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा।
मान्यता है। की मान्यता इस दिन श्री कृष्ण की 5250वी जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
इस बार की जन्माष्टमी काफी महत्पूर्ण होने वाली है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है।
भाद्रपद की अष्टमी तिथि के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुवा इस था।इस लिए इसे कृष्णा जन्माष्टमी कहते है। पंचांग के अनुसार इस साल यह तिथि बुधवार 6सितंबर को दोपहर 3:37पर शुरु होगी। और इसका समापन सितंबर को शाम 4:14मिनट पर होगा।
धर्म पूराणों के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि के समय रोहनी नक्षत्र में हुआ था। इस लिए इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6सितंबर को मनाई जाएगी।इस दिन सुबह 9:20 मिनट पर रोहनी नक्षत्र शुरू होगा। जो कि अगले दिन 7सितंबर को सुबह 10:25 मिनट पर समाप्त होगा।
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः 108
Profitable Village Business Ideas for Rural Entrepreneurs Starting a...
RRB RECRUITMENT 2025 VACANCY NAME : Group D Total...
Hello friends, in this post we will discuss a very...