HAPPY DURGA PUJA, JAY MAA BRAHMACHARINI 2023

तीन हजार वर्षों तक वे टूटे हुए बिल्व पत्रों का सेवन करती रहीं और भगवान शंकर की पूजा करती रहीं। इसके बाद, वे खाने पीने से भी वंचित रहने लगीं और कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार तप करती रहीं। उन्होंने पत्तियों के सहारे आहार छोड़ दिया, इसके कारण उन्हें 'अपर्णा' कहा गया। इनकी अत्यधिक तपस्या ने देवताओं, ऋषियों, सिद्धगणों और मुनियों को प्रभावित किया और उन्होंने उनकी अत्यधिक पुण्य कृत्य की प्रशंसा की।

ब्रह्मचारिणी के तपस्या ने हमें यह सिखाता है कि जीवन की हर कठिनाई में हमें हौसला बरकरार रखना चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से हमें सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं, और हमारी जीवन में उत्तराधिकारी सफलता आती है।

Happy Navratri

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