Father Sale his son / मजबूर पिता अपने बेटे को 6 - 8 लाख में बेंच रहा क्या मजबूरी थी???
इस सभ्य समाज में यह एक बहुत ही कष्टकारी घटना घटित होने जा रही थी। इस गरीब आदमी की कहीं भी सुनवाई नहीं हो पाने के कारण उसको अपनी जान से प्यारे जिगर के टुकड़े को बेंचने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह भी 6 - 8 लाख रुपये की कीमत पर, इससे धृणित बात कोई भी नहीं हो सकती है।
Poor person Aligadh Son 6 - 8 Lakh
यह घटना उ प्र के अलीगढ़ जिले में घटित होने जा रही थी, जिसमें ई रिक्शा चालक अपनी पत्नी व बेटे के साथ अलीगढ़ में गांधी पार्क में आकर के बैठ गया। रिकशा चालक के गले में तख्ती लटकी हुई थी और उस तख्ती पर लिखा था मुझे अपना बेटा बेंचना है, मतलब मेरा बेटा बिकाऊ है। वह वयक्ति अपने बेटे को 6 - 8 लाख में बेंच रहा था।
अलीगढ़ महानगर के महुआखेडा क्षेत्र के एक ई रिक्शा चालक ने एक ऐसी युक्ति निकाली जो परिवार काफी अरसे से सूदखोरों से परेशान था, सूदखोरों से तंग आकर वह अपने बेटे को बेंचने के लिए तैयार हो गया था कयोंकि उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा था, इस वजह से रिक्शा चालक अपनी पत्नी, लड़की और बेटे के साथ गले में तख्ती लटका कर गांधी पार्क निकट बस स्टैंड के पास बैठा था।
दिनांक 26 अक्टूबर की शाम को उसे पार्क में बैठे देखकर लोगों की भीड़ लगने लगी, लोग वाग उसे समझाने लगे तुम अपने बच्चे को कयो बेच रहे हो। तब रिक्शा चालक ने रोते हुए अपना दर्द बयां कर दिया और उसने बताया वह थाना ( पुलिस ) के पास भी गया था परन्तु पुलिस ने उसकी कुछ भी नहीं सुनी वह बहुत रोया गिडगिडाया लेकिन उसको थाने से भगा दिया गया। कयोकि वह सूदखोरों से बहुत ही ज्यादा पीड़ित होने के कारण वह अपने बेटे को गांधी पार्क में बैठ कर बेचने के लिए मजबूर होकर बेंच रहा है सिर्फ 6 - 8 लाख रुपये में बेंच कर सूदखोरों को पैसा लौटाकर अपनी रोजीरोटी चलाने का काम करेगा। कयोंकि उसका ई रिक्शा भी सूदखोरों ने छीन लिया है। और अब उसके सामने यही विकल्प
बचा है कि वह लडके को बेंच दे। जब काफी हाय हत्या मची तब जाकर शाम को गांधी पार्क पुलिस रिक्शा चालक को परिवार सहित अपने साथ थाने में ले गयी और लोगों को आशवासन दिया कि इसकी रिपोर्ट लिखवाई जायेगी और पुलिस उचित कार्यवाही भी करेगी, उससे पूछताछ करके पुलिस ने अपनी कारवाई भी शुरू कर दी थी।
महुआ खेड़ा के असदपुर कयास स्थित निहार मीरा स्कूल के पास रिक्शा चालक राजकुमार रहता है और वह ई रिक्शा चलाता है, राजकुमार ने बताया उसने कुछ समय पहले प्रापर्टी खरीदी इसलिए उसने कुछ लोगों से रुपये उधार लिए थे। सूदखोरों ने उसे कर्जदार बना कर उसके प्लाट के कागज रखवा लिए और उन कागजात को बैंक में गिरवी रख कर बैकं से ऋण ले लिया। अब उससे वो लोग 50 हजार रुपये मांग रहे है, जब वो रुपये नहीं दे पाया तब उसका रिक्शा भी छीन लिया और घर आकर नाबालिक बेटियों व पत्नी से असभ्यता करते थे, देवी नगला इलाके के यह लोग रहने वाले है जो उस पर बराबर दवाब बना रहे है।
उनकी दहसत में आए राजकुमार ने कहा उस पर परिवार की जीविका चलाने के लिए ई रिक्शा एक मात्र साधन था, वह भी उससे छीन लिया गया है। काफी सोच विचार कर उसने परिवार के साथ बेटा बेचने का यह फैसला लिया, और वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आकर गांधी पार्क में आकर बेटा बेचने बैठ गया और गले में तख्ती लटका ली जिस पर लिखा है, मेरा बेटा बिकाऊ है जिसको मैं बेचना चाहता हूं। और वह बेटे को 6 - 8 लाख रुपये में बेंच रहा हूँ।
राजकुमार का तर्क था कि लडके को बेंच कर जो रकम मिलेगी और इस रकम से अपना कर्ज चुका एगा। और अपनी बेटी को अच्छी तरह से पायेगा और परिवार का भरणपोषण करेगा। उसका कहना था कि इस बात की वह शिकायत करने महुआ खेड़ा थाने भी गया था मगर उसकी थाने में कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। इसके बाद उसने यह कदम मजबूरी में पत्नी व परिवार के सभी सदस्यों की सहमति से उठाया था।