26 july kargil vijay diwas
भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल की लड़ाई हुए आज 24 साल हो गए हैं I कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में 8 मई से 26 जुलाई तक कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष को कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है। कारगिल युद्ध वही लड़ाई थी जिसमें पाकिस्तानी सेना ने द्रास-कारगिल की पहाड़ियों पर कब्जा करने की कोशिश की थी भारतीय सेनाओं ने इस लड़ाई में पाकिस्तानी सेना तथा मुजाहिदीनों के रूप में उसके पिट्ठुओं को परास्त किया। “कारगिल विजय दिवस” हर साल 26 जुलाई को उन शहीदों की याद में मनाया जाता हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध में अपने देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया और वीरगति को प्राप्त हुए।
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान की नजर हमेशा के कश्मीर पर रही I आजादी के तुरंत बाद 1948 में, फिर 1965 में और फिर 1971 में मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान ने हार नहीं मानी I 1999 की सर्दियों में उसने एक कोशिश और की I सर्दियों के समय जब सेना ऊंचे इलाकों से नीचे उतरती है ठीक उसी समय पाकिस्तान ने कारगिल, द्रास और बटालिक की ऊंची चोटियों पर कब्जा जमा लिया I मई 1999 में एक लोकल ग्वाले से मिली सूचना के बाद बटालिक सेक्टर में ले. सौरभ कालिया के पेट्रोल पर हमले ने उस इलाके में घुसपैठियों की मौजूदगी का पता दिया। शुरू में भारतीय सेना ने इन घुसपैठियों को जिहादी समझा और उन्हें खदेड़ने के लिए कम संख्या में अपने सैनिक भेजे, लेकिन प्रतिद्वंद्वियों की ओर से हुए जवाबी हमले और एक के बाद एक कई इलाकों में घुसपैठियों के मौजूद होने की खबर के बाद भारतीय सेना को समझने में देर नहीं लगी कि असल में यह एक योजनाबद्ध ढंग से और बड़े स्तर पर की गई घुसपैठ थी, जिसमें केवल जिहादी नहीं, पाकिस्तानी सेना भी शामिल थी। यह समझ में आते ही भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया, जिसमें 30,000 भारतीय सैनिक शामिल थे।
थल सेना के सपोर्ट में भारतीय वायु सेना ने 26 मई को ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ शुरू किया, जबकि जल सेना ने कराची तक पहुंचने वाले समुद्री मार्ग से सप्लाई रोकने के लिए अपने पूर्वी इलाकों के जहाजी बेड़े को अरब सागर में ला खड़ा किया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ कारगिल युद्ध में मिग-27 और मिग-29 का प्रयोग किया था। मिग-27 की मदद से इस युद्ध में उन स्थानों पर बम गिराए जहां पाक सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था। इसके अलावा मिग-29 करगिल में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ इस विमान से पाक के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलें दागी गईं थीं।
कारगिल की ऊंचाई समुद्र तल से 16000 से 18000 फीट ऊपर है। ऐसे में उड़ान भरने के लिए विमानों को करीब 20,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ना पड़ता है। ऐसी ऊंचाई पर हवा का घनत्व 30% से कम होता है। इन हालात में पायलट का दम विमान के अंदर ही घुट सकता है और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।
कारगिल युद्ध के तीन चरण रहे। पहला, पाकिस्तानी घुसपैठियों ने श्रीनगर को लेह से जोड़ते राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमाक एक पर नियंत्रण स्थापित करने के मकसद से अहम सामरिक स्थानों पर कब्जा कर लिया। दूसरे चरण में भारत ने घुसपैठ का पता लगाया और अपने बलों को तुरंत जवाबी हमले के लिए लामबंद करना शुरू किया तथा तीसरा, भारत और पाकिस्तान के बलों के बीच भीषण संघर्ष हुआ और पड़ोसी देश की शिकस्त हुई। करगिल युद्ध के बाद पाकिस्तान के 600 से ज्यादा सैनिक मारे गए और जबकि 1500 से अधिक घायल हुए। इस युद्ध में भारत को भी भारी नुकसान हुआ और हमारे 527 जवान और अफसर इस युद्ध में शहीद हो गए I मनोज पांडे, कैप्टन विक्रम बत्रा, नायब सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव, लांस नायक दिनेश सिंह भदौरिया, सुल्तान सिंह नरवरिया, मेजर एम सरावनन, मेजर राजेश सिंह, लांस नायक करन सिंह, राइफलमैन संजय कुमार और मेजर विवेक गुप्ता समेत उन तमाम बहादुर सिपाहियों ने इसी युद्ध में अपनी वीरता दिखाई और विश्व के इतिहास में करगिल युद्ध दुनिया के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में लड़ी गई जंग की घटनाओं में शामिल है।
02 महीने से ज्यादा चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को मार भगाया था और आखिरकार 26 जुलाई को आखिरी चोटी पर भी जीत पा ली गई। यही दिन अब ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है ,राष्ट्र रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले अमर सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि। देश आपके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। हम देश के जवानों को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
*शत्-शत् नमन🙏*
*Jai Hind🙏*