शराब है खराब , sharab wine beer drink alcohol
शराब इंसान को जीते जी मार देती है वो ये सोचता है की शराब उसके दिन भर की थकान और टेंशन को दूर कर देगी और दुनिया में कुछ पल वो चैन और सुकून से बीता सकेगा ,लेकिन ये उस इंसान की गलतफहमी ही होती है शराब चैन और सुकून तो नहीं देती बल्कि इसके विपरित इंसान का चैन और सुकून छीन जरूर लेती है समाज और परिवार में वो निंदा का पात्र बन कर रह जाता है।
शराब का ये शुरुआती शोक ही इंसान की आदत कब बन जाता है ये उसको पता ही नहीं चल पाता है शराबी बनकर इंसान जीवित ही कुत्ते के समान हो जाता है गली में कही भी अचेत होकर पड़ा रहता है घर और परिवार की इज्जत मिट्टी में मिल जाती है और साथ ही काम में भी मन नहीं लगता है इसलिए मानव को शराब से बचकर ही चलना चाहिए।
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