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आरबीआई का डंडा / RBI ,
* क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए बैंक को 21 और कंपनी को 9 दिन का समय। *
( बैंक - क्रेडिट कंपनियों को आरबीआई के निर्देश )
➡ भारतीय रिजर्व बैंक ( आरबीआई ) के नए दिशा निर्देश के अनुसार ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट में दिख रही गलतियों को सुधारने के लिए आवेदन के 30 दिनों में रिपोर्ट में सुधार न करने पर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को प्रभावित ग्राहकों को ₹100/- रोजाना के हिसाब से पेनल्टी देनी होगी । गलत क्रेडिट स्कोर के चलते कई लोग कर्ज नहीं ले पाते हैं । आइए आरबीआई के इस फैसले के बारे में जानते हैं ।
* स्कोर में सुधार करने की जिम्मेदारी किसकी है ?
कर्ज देने वाली संस्थान जैसे बैंक, एनबीएफसी की जिम्मेदारी होगी कि वे ग्राहकों से मिली क्रेडिट स्कोर से जुड़ी शिकायत मिलने के 21 दिन के भीतर सुधार करके इसकी जानकारी सिबिल जैसी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन संस्थान ( सीआईसी) को जानकारी देंगे । कर्ज देने वाली कंपनी और रेटिंग एजेंसी दोनों को मिलाकर ग्राहक की शिकायत के निपटारे के लिए कुल 30 दिन का समय दिया गया है । कर्जदाता संस्था को 21 दिन और क्रेडिट इंस्टिट्यूट को कल 9 दिन का समय दिया गया है ।
* विलंब के दिनों की गणना कैसे होगी ?
जिस दिन आवेदन दिया है, उसके 21 दिन बैंक की ओर 9 दिन क्रेडिट कंपनी को मिले हैं । विलंब की अवधी की गणना पंजीकृत शिकायत की तिथि और निराकरण के बाद ग्राहक को मिली जानकारी के आधार पर तय होगी। इसमें 30 दिन से जितने दिन होंगे ,उतने दिनों की पेनल्टी ₹100 हर रोज के हिसाब से तय होगी। पेनल्टी ग्राहक के बैंक खाते में 5 दिन में डालनी होगी ।
rbi
Vijay kumar arora
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* कई बैंकों ने गलत जानकारी अपलोड की तो ?
एक से अधिक बैंकों द्वारा गलत जानकारी अपलोड किए जाने की स्थिति में ग्राहक को सीधे क्रेडिट कंपनी के पास ही आवेदन करना होगा । क्रेडिट कंपनी दोनों कर्जदाता संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित करके समस्या का निराकरण करेगी । इस दौरान जो भी बैंक देरी करेगा उसे नियम के मुताबिक जुर्माना देना पड़ेगा ।
* ग्राहक कहांँ शिकायत कर सकते हैं ?
समय पर क्रेडिट स्कोर अपडेट न करने पर ग्राहक इसकी शिकायत बैंकिंग लोकपाल से कर सकता है ।अगर बैंक या क्रेडिट कंपनी जुर्माना देने से इनकार कर दे तो ग्राहक उसकी शिकायत भोपाल, जयपुर ,चंडीगढ़ जैसे 10 क्षेत्रीय कार्यालय में स्थित कंज्यूमर एजुकेशन एंड प्रोटक्शन सेल में इसकी शिकायत कर सकता है ।
* किन स्थितियों में हर्जाना नहीं मिलेगा ?
क्रेडिट स्कोर को लेकर अगर बैंक और ग्राहक के बीच विवाद हो तो इसका निपटान आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट 1996 के तहत होगा । अगर शिकायत स्टाफ से जुड़ी हो तो इस स्थिति में हर्जाना नहीं मिलेगा । अगर यह मामला पहले ही कंज्यूमर डिस्ब्यूट रीड्रेसल कमिश्नर कोर्ट के पास चल रहा हो । सर्कुलर जारी होने के 6 माह बाद यह जुर्माने के नियम लागू होंगे ।
द्वारा लिखित
विजय अरोड़ा ज्यादा नहीं थोड़ा थोड़ा