भारत बनाम न्यूज़ीलैंड : आज का मैच -
चोटिल हार्दिक पांड्या के भारत-न्यूजीलैंड मैच से बाहर होने के कारण टीम का संतुलन बिगड़ गया है. अगर रोहित की टीम को अजेय बने रहना है तो उसे संयोजन के संतुलन को बनाए रखना होगा. धौलाधार पर्वत श्रृंखला तले बने धर्मशाला के खूबसूरत एचपीसीए स्टेडियम में शनिवार की शाम को हल्की ठंड के बीच अभ्यास सत्र के दौरान भारतीय कप्तान और कोच राहुल द्रविड़ अंतिम-11 की टेंशन में गदेलियाँ रगड़ते रहे।
इस टूर्नामेंट में चार मैच में पांच विकेट लेने वाले हार्दिक पांड्या तीसरे तेज गेंदबाज का किरदार निभाने के साथ छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे. उन्होंने अब तक शार्दुल ठाकुर से ज्यादा गेंदें फेंकी और उनसे अधिक विकेट लिए. पुणे में गेंद फेंकने के बाद उसे रोकते हुए उनकी एड़ी मुड़ गई थी. अब टीम के पास छह बल्लेबाज, एक आलराउंडर और चार गेंदबाज खिलाने का विकल्प है जिससे बल्लेबाजी और गेंदबाजी में संतुलन बना रहे. ऐसे में टीम को हार्दिक पांड्या की जगह सूर्यकुमार यादव या इशान किशन को खिलाने का विकल्प था, जबकि शार्दुल की जगह मोहम्मद शमी को मौका मिल सकता था लेकिन शनिवार को नेट अभ्यास के दौरान थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट रघु की गेंद सीधे सूर्य की कलाई के ठीक ऊपर लगी, वह बिलबिला गए. फिजियो उनकी कलाई देख रहे थे और वह कराह रहे थे. इसके बाद उन्हें नेट छोड़कर बाहर जाना पड़ा.
बीसीसीआइ सूत्र का कहना है कि आइस पैक लगाने के बाद वह ठीक हैं और एक्सरे कराने की जरूरत नहीं पड़ी है. बल्लेबाजी के एक और विकल्प इशान किशन को अभ्यास सत्र की शुरुआत में ही मधुमक्खी ने काट लिया. अब वह सुबह तक फिट हो पाते हैं या नहीं. अगर ये दोनों फिट नहीं हुए तो भारत की मुश्किल बहुत बढ़ जाएगी. विराट कोहली को थोडाउन स्पेशलिस्ट की गेंद जांघ पर लगी, लेकिन उनकी चोट ज्यादा गंभीर नहीं है. पौंड्या के विकल्प का चयन करते समय यहां पड़ने वाली ओस को भी ध्यान में रखना होगा।
चोटिल पांड्या ने इस मैदान पर दो वनडे में चार विकेट चटकाए हैं जिसमें न्यूजीलैंड के विरुद्ध 31 रन देकर तीन विकेट भी शामिल है. यह दर्शाता है कि भारत को इस आलराउंडर की कमी खल सकती है. दोनों टीमों का प्रदर्शन रहा है अच्छा मेजबान भारत और गत उपविजेता न्यूजीलैंड लगातार चार मैच जीतकर अंक तालिका की शीर्ष दो टीमें हैं. इस मैच के दौरान इन दोनों में से किसी टीम को पहली हार झेलनी होगी. यहां जो भी जीत हासिल करेगा उसका सेमीफाइनल में पहुंचना लगभग तय हो जाएगा. रोहित की अगुआई में भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है. न्यूजीलैंड के विरुद्ध विश्व कप में भारत का रिकार्ड खराब रहा है. दोनों के बीच हुए नौ मैच में न्यूजीलैंड ने पांच जबकि भारत ने तीन जीते हैं और एक मैच बेनतीजा रहा.
2019 विश्व कप में इसी टीम ने सेमीफाइनल में भारत का अभियान समाप्त किया था।
खतरनाक है न्यूजीलैंड :
न्यूजीलैंड की टीम नियमित कप्तान केन विलियमसन के बिना उतरेगी. विलियमसन के अंगूठे में बांग्लादेश के विरुद्ध जीत के दौरान फ्रेक्चर हो गया था जिसके कारण उन्हें 78 रन बनाने के बाद रिटायर्ड हर्ट होकर लौटना पड़ा. आइपीएल के दौरान मई में लगी चोट के बाद विलियमसन का यह पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला था. हालांकि इसके बावजूद उसका बल्लेबाजी क्रम काफी मजबूत है. इस टीम ने शुरुआती मैच में इंग्लैंड को नौ विकेट से रौंदने के बाद नीदरलैंड्स को 99 रन से हराया. यह टीम बांग्लादेश और अफगानिस्तान के विरुद्ध भी क्रमश: आठ विकेट और 149 रन से जीत दर्ज कर चुकी है. न्यूजीलैंड ने 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत को 18 रन से हराया था।
भारत के लिए मिला जुला रहा है यह स्टेडियम -
भारत ने यहां चार वनडे मैच खेले है जिसमे दो जीते और दो हारे हैं.
जनवरी 2013 : भारत को इस मैदान पर अपने पहले ही मैच में इंग्लैंड के विरुद्ध सात विकेट की हार का सामना करना पड़ा था
अक्टूबर 2014: वेस्टइंडीज को 59 रनों से पराजित किया। प्लेयर आफ द मैच विराट कोहली ने 127 रन बनाए थे
अक्टूबर 2016 : न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया। प्लेयर आफ द मैच हार्दिक पांड्या ने तीन विकेट लिए थे
दिसंबर 2017 : श्रीलंका ने उसे सात विकेट से हराया। इसमें भारतीय टीम 38.2 ओवर में सिर्फ 112 रन पर ढेर हो गई थी। भारतीय टीम ने सुरंगा लकमल (13 रन पर चार विकेट) और नुवान प्रदीप (37 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने सिर्फ 29 रन तक सात विकेट गंवा दिए थे। धौनी (65) के अर्धशतक से टीम 100 रन का आंकड़ा पार करने में सफल रही। श्रीलंका ने 21वें ओवर में ही तीन विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया था
• विराट ने यहां वनडे में 106 की औसत से सर्वाधिक 212 रन बनाए हैं। रोहित को यह मैदान रास नहीं आता है। वह यहां तीन मैच में चार, 14 और दो रन की पारियां ही खेल पाए हैं।
• केएल राहुल, इशान किशन, गिल और सूर्य ने यहां कोई 50 ओवर का मैच नहीं खेला है।
• न्यूजीलैंड की टीम में शामिल लाथम, नीशम, सैंटनर, साउथी और सोढ़ी को इस मैदान पर खेलने का अनुभव है। लायम और साउथी ने यहां खेले एकमात्र मैच में क्रमश: नाबाद 79 और 55 रन बनाए थे। इसके बावजूद टीम 190 रन पर ढेर हो गई थी।
Amit Sharma
Writer