चंद्रयान 3 को मिला चंद्रयान 2 का साथ:
Keypoints:
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चंद्रयान 3 को चंद्रयान 2 का साथ मिला.
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चंद्रयान 2 के ऑर्बिटल ने चंद्रयान 3 के लैंडर से संपर्क साधा.
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क्या चंद्रयान 3 को चंद्रयान 2 से फायदा मिलेगा?
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चंद्रयान 3 का चंद्रयान 2 के ऑर्बिटल से संपर्क होने से इसरो के लिए और भी रास्ते खुले.
चलिए आगे बात करते है.......
चंद्रयान 3 को मिला चंद्रयान 2 का साथ:
भारत का मून मिशन चंद्रयान 3 चाँद की सतह पर लैंडिंग करने को तैयार हैं इस बीच चाँद से aभारत के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आई हैं चाँद की सतह की ओर से तेजी से बढ़ रहे चंद्रयान 3 को अब चंद्रयान 2 का भी साथ मिल गया है चंद्रयान 3 का चाँद पर मौजूद चंद्रयान 2 ने स्वागत किया है फिलहाल भारत के दोनों अंतरिक्ष यान चंद्रयान 2 और चंद्रयान 3 का संपर्क स्थापित हो चुका है इसरो ने इसकी जानकारी एक ट्वीट के जरिए दी है इसरो ने ट्वीट कर बताया है कि चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान 3 के लैंडर मॉडुल का स्वागत किया है इसरो के मुताबिक दोनों के बीच टू वे कम्यूनिकेशन स्थापित हो चुका है इसरो ने कहा कि अब बेंगलुरु स्थित मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स के पास अब लैंडर मॉडुल यानि लैंडर विक्रम से बात करने के कई रास्ते हो गए हैं यानी कह सकते हैं कि भारत की मून मिशन चंद्रयान 3 को अब चाँद पर चंद्रयान 2 का साथ भी मिल गया है इससे पहले इसरो ने चंद्रयान 3 से ली गई चाँद के सतह की कुछ तस्वीरों को ट्वीट किया था इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम में लगा कैमरा चाँद पर किसी सुरक्षित जगह की तलाश कर रहा है ताकि वहाँ सतर्कता के साथ उतरा जा सके .चंद्रयान 3 के चाँद की सतह पर उतरने में अब काफी कम समय बचा है इसरो ने चाँद पर सॉफ्ट लैन्डिंग के लिए पूरी तैयारी कर ली है चंद्रयान 3 चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा अभी वो चाँद के करीब 25 किलोमीटर ऊपर चक्कर काट रहा है 23 अगस्त 2023 को शाम 6:04 PM पर चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैन्डिंग की कोशिश करेगा. इसरो के वैज्ञानिको ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है
2019 में लॉन्च हुआ चंद्रयान 2 का लैंडर विक्रम क्रैश होने से पूरा मिशन फेल हो गया था। दरअसल विक्रम लैंडर से कनेक्शन टूट गया था और वो खोकर बाद में क्रैश हो गया। लेकिन चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर जिससे उसका कनेक्शन टूट गया था वो उसी कक्षा में चक्कर लगा रहा था। आज जब चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम वहाँ चन्द्रमा के पास पहुंचा तो चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने उसका स्वागत किया। उसने कहा वेलकम यानी की स्वागत है दोस्त। इस बात की जानकारी खुद इसरो ने दी | इसी के साथ चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर का कनेक्शन चंद्रयान 3 के साथ बन चुका है। अब चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर भी इसरो को चंद्रयान 3 की जानकारी देगा। तभी इसरो ने लिखा कि अब और भी रास्ते खुल गए हैं। लैंडर विक्रम से संपर्क करने के. मतलब कि चंद्रयान 2 के इस और मीटर के जरिए भी बेंगलुरु में बैठे वैज्ञानिक लैंडर विक्रम पर नजर रख सकेंगे। 2019 में विक्रम लैंडर के क्रैश होने के बाद भी चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर उसी कक्षा में घूम रहा था। जिससे अब चंद्रयान 3 का कम्यूनिकेशन शुरू हो गया है। चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर का काम लैंडर विक्रम से जानकारी लेकर पृथ्वी पर इसरो को वो जानकारियां भेजना है जो लैंडर चाँद की सतह से कलेक्ट करेगा तो अब यही काम चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर चंद्रयान 3 के लिए करेगा। लैंडर विक्रम जो भी खोज करेगा उसका सारा डेटा इस ऑर्बिटर को भेजेगा और चंद्रयान टू का ही ऑर्बिटर वो तमाम जानकारियां हमारे इसरो के वैज्ञानिक को को भेजेगा। हालांकि चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम खुद से सारी डिटेल्स पृथ्वी पर इसरो को भेजने में सक्षम है। पृथ्वी स्टेशनों के साथ चंद्रयान 3 मिशन के संपर्क नेटवर्क को इस तरह से बनाया गया है कि लैंडर चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर को जो डेटा भेजेगा वो बदले में इसे इसरो के ग्राउंड स्टेशनों पर भी भेजा जाएगा। हालांकि चंद्रयान तीन का लैंडर पृथ्वी से सीधे संपर्क करने में भी सक्षम है। 9 अगस्त को इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है और यह चंद्रयान तीन लैंडर के साथ संपर्क करेगा। ये सिग्नल ग्राउंड स्टेशन तक पहुँच जाएगा। मान लीजिये किसी भी कारण से चंद्रयान दो ऑर्बिटर ठीक से काम नहीं कर रहा है तो चंद्रयान 3 का लैंडर सीधे पृथ्वी से कम्यूनिकेट करेगा। रोवर जो कि सुरक्षित और सॉफ़्ट लैन्डिंग के बाद चाँद की जमीन पर छोड़ा जाएगा, उससे डायरेक्ट कम्यूनिकेशन की बात इसरो चीफ ने नहीं कही। उन्होंने कहा कि कम्यूनिकेशन सिर्फ लैंडर के साथ हैं और लैंडर, चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर और पृथ्वी पर मौजूद स्टेशनों के साथ संपर्क करेगा।
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